Ghoomer Cast & Crew:
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Hope Film Makers, Saraswati Entertainment Private LimitedRelease Date
18 Aug 2023Genre
Sports, DramaProducer
Abhishek Bachchan, Ramesh PulapakaDirector
R. BalkiStar Cast
Abhishek Bachchan ... Padam Singh Sodhi aka Paddy
Saiyami Kher ... Anina
Shabana Azmi ... Anina's Dadi
Angad Bedi ... Jeet
Amitabh Bachchan ... Special Appearance
Executive Producer
Choreographer
Bertwin Ravi D'souza, Shampa GopikishnaMedia Relations
Raindrop MediaPublicity Designs
Himanshu Nanda, Rahul NandaWebsite
Certification
Music Director
Amit TrivediLanguage
HindiSinger
Altamash Faridi
Dipakshi Kalita
Mika Singh
Varun Jain
Rupali Moghe
Amit TrivediCinematography
Vishal SinhaEditor
Nipun Ashok GuptaAction
Vikram DahiyaScreenplay
R. BalkiDialogue
R. BalkiSound
Debasish MishraMusic Company
Zee MusicCostume
Lyricist
Kausar Munir,
Swanand KirkireProduction Designers
Movie Review
Rating :
Verdict : 'लाइफ लॉजिक नहीं मैजिक का खेल है', अभिषेक-सयामी की जोड़ी आपको भी अपनी जिंदगी की मुश्किलों से लड़ना सिखायेगी
‘चीनी कम’, ‘पा’ और ‘पैडमैन’ जैसी कमर्शियल सुपरहिट और सोशल मैसेज देने वाली खास फिल्मों के लिए पहचान बनाने वाले निर्देशक आर. बाल्की एक बार फिर दर्शकों के लिए नई फिल्म 'घूमर' लेकर आए हैं। आर बाल्की इस बार ऐसी कहानी ले कर आये हैं , जिसमें निराशा और हताशा है, जिसमें उर्जा और उत्साह है, जिसमें जिंदगी से लड़ने का जज्बा है। सच कहूं तो अभिषेक बच्चन, सैयामी खेर और दूरदर्शी निर्देशक आर. बाल्की की असाधारण प्रतिभाओं से सजी ‘घूमर’ भारत में स्पोर्ट्स फिल्म्स के परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने का वादा करती है.
कैसी है फिल्म की कहानी :
'घूमर' एक महिला क्रिकेटर की असाधारण यात्रा को दर्शाने वाली फिल्म है, सैयामी खेर (Saiyami Kher) फिल्म में अनिका का किरदार निभा रही हैं, एक क्रिकेटर बनना चाहती हैं और इंडिया के लिए खेलना चाहती है। उसकी दादी यानी शबाना आजमी और अनिका का पूरा परिवार उसका साथ देता है। अनिका एक शानदार बल्लेबाज है, जो अपने दम पर महिला इंडियन क्रिकेट टीम में सेलेक्ट भी हो जाती है, लेकिन उसके साथ एक ऐसा हादसा हो जाता है जो उससे तोड़ देता है, जिससे बाद उसकी जिंदगी में एक ऐसे इंसान यानी अभिषेक बच्चन की एंट्री होती जो उसकी जिंदगी को बदल देता है। अभिषेक बच्चन भी अपने अतीत के कारण डिप्रेशन और नशे की लत का शिकार है। लेकिन उसे भी इस लड़की को ट्रेनिंग देते हुए अपनी जिंदगी का मकसद मिलता है। फिल्म को देखते हुए कई बार आपकी आंखें भीग जाएंगी, तो कई बार आपको भी अपनी जिंदगी की मुश्किलों से लड़ने का हौसला मिलेगा।
एक्टिंग :
आर बाल्की और अभिषेक बच्चन जब भी एक साथ आए हैं, उन्होंने बड़े पर्दे पर कमाल किया है. पदम सिंह सोढ़ी की भूमिका में अभिषेक पूरी तरह से छा गए हैं. इससे पहले भी दसवीं, बिग बुल जैसी फिल्मों के साथ अभिषेक बच्चन ने ये साबित किया है कि वो एक बॉर्न एक्टर हैं और उन्हें सही प्रोजेक्ट की जरूरत है. सैयामी खेर ने अनिना की भूमिका से पूरा न्याय किया है. उनकी बॉडी लैंग्वेज हो, हाथ के खोने पर अनिना का टूट जाना हो या फिर कोच के लिए गुस्सा, खेल के लिए जिद दिखाते हुए सैयामी हमें निराश नहीं करतीं. फिल्म फाडू में मंजिरी के बाद ये सैयामी का एक बेहतरीन किरदार है.
जीत के रूप में अंगद बेदी अच्छे हैं और शबाना आजमी ने फिर एक बार हमें एक्टिंग से प्रभावित करती हैं. लेकिन इवांका दास का यहां खास जिक्र होना जरूरी है, जिन्होंने इस फिल्म में पैडी यानी पदम सिंह सोढ़ी की गोद ली हुई ट्रांसजेंडर बहन रसिका का किरदार निभाया है. एक्टिंग के साथ साथ उनकी कॉमिक टाइमिंग सभी के चेहरे पर मुस्कान लेकर आती है.
सेकंड हाफ में अमिताभ बच्चन की एंट्री ऑडियंस के लिए कुछ खास सरप्राइजिंग नहीं है, क्योंकि जहां अभिषेक बच्चन और आर बाल्की हों और वहां अमिताभ बच्चन ना हों, ये तो हो ही नहीं सकता. बतौर क्रिकेट कमेंटेटर अमिताभ बच्चन की एंट्री फिल्म को और एक स्टार देने के लिए मजबूर कर देती है.
एक्शन और तकनीक :
आर बाल्कि के डायरेक्शन की बात की जाए तो इस बार भी वह हमेशा की तरह परफेक्ट हैं। कई जगह कहानी में वह बिना किसी डायलॉग के स्क्रीन पर अपना जादू चलाकर और स्टार्स की आंखों से सब कह देते हैं। फिल्म कहीं बोर या स्लो महसूस नहीं कराती, किसी भी स्पोर्ट्स फिल्म के लिए कैमरा वर्क और एडिटिंग उतना ही जरूरी है, जितना मैलोड्रामैटिक फिल्मों के लिए हीरोइन के आंसू. इस फिल्म के सिनेमेटोग्राफर है विशाल सिन्हा, जिन्होंने आर बाल्की के साथ उनकी फिल्म चुप में काम किया था. तो निपुण अशोक गुप्ता फिल्म के एडिटर हैं. इन दोनों की ये पहली स्पोर्ट्स फिल्म है लेकिन दोनों ने आर बाल्की के विश्वास को सही साबित किया है. कैमरा एंगल, वीडियो के बेहतरीन शॉट्स-मूवमेंट फिल्म को और भी मजेदार बनाते हैं.
कैसी है फिल्म :
'घूमर' महज एक फिल्म नहीं है; यह एक ऐसी कहानी है जो विश्वास दिलाती है कि सपने पूरे हो सकते हैं. आप में जिद हो, हिम्मत हो तो दुनिया की कोई ताकत आपके ख्वाबों को पूरा होने से नहीं रोक सकती. यह फिल्म अभिषेक बच्चन के करियर में एक मील का पत्थर साबित होगी। आपको अपने बच्चों के साथ यह फ़िल्म थिएटर में जा कर जरूर देखना चाहिये.