Movie Review - Attack Cast & Crew:
Banner
JA Entertainment Pvt. Ltd. KYTA ProductionsRelease Date
01 Apr 2022Genre
Action ThrillerProducer
Dheeraj Wadhawan Ajay KapoorDirector
Lakshya Raj AnandStar Cast
John Abraham
Jacqueline Fernandez
Rakul Preet SinghExecutive Producer
Choreographer
Media Relations
Publicity Designs
Website
Certification
Music Director
Language
HindiSinger
Cinematography
Editor
Action
Screenplay
Dialogue
Sound
Music Company
Costume
Lyricist
Production Designers
Attack is action thriller film written-directed by Lakshya Raj Anand and produced by Dheeraj Wadhawan, Ajay Kapoor and John Abraham. It features John Abraham, Rakul Preet Singh and Jacqueline Fernandez in lead roles.The story of the film about hostage crisis is inspired by true events.
Movie Review
Rating :
Verdict : सुपर सोल्जर का तो पता नहीं, रोमांच से भरपूर दिखी जॉन अब्राहम की फिल्म
भारत को उसका पहला ‘सुपर सोल्जर’ मिल गया है. बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम (John Abraham) की फिल्म ‘अटैक’ (Attack) आज थिएटर्स में रिलीज हो गई. फिल्म में जॉन अब्राहम ने सुपर सोल्जर (John Abraham as Super Soldier) की भूमिका निभाई है जिसके दिमाग में एक ऑस्टिफिशल इंटेलिजेंस नैनो चिप इम्प्लांट की गई है. अगर आप भी साइंस फिक्शन और एक्शन मूवी के दीवाने हैं तो जॉन अब्राहम की ये फिल्म आपके लिए ही बनी है.
क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म ‘अटैक’ (Attack) पार्ट वन वहां से शुरू होती है, जहां इन दिनों राष्ट्र प्रेम पर बनी हर फिल्म जाना चाहती है, यानी कश्मीर। अर्जुन शेरगिल के जिम्मे एक मिलिट्री ऑपरेशन है। बात आज से 10 साल पहले की है। 15 साल का एक बच्चा फिदायीन बना सामने मिलता है। अर्जुन उसे बचा भी लेता है। 10 साल बाद वही बच्चा लश्कर ए तैयबा के दहशतगर्दों के साथ मिल कर 300 से ज्यादा सांसदों और प्रधानमंत्री तक को अपने कब्जे में ले रखा है.अब बाकी कहानी वहीं है, आतंकी अपना खौफ दिखा रहे हैं, सरकार उनसे बातचीत कर रही है, सेना बड़े हमले की परमिशन चाहती है, सुरक्षा एजेंसियां कुछ बड़ा करना चाहती हैं, ऐसा जो किसी ने नहीं किया. यही से आइडिया आता है सुपर सोल्जर का और काम पर लग जाती हैं वैज्ञानिक सभा (रकुल प्रीत सिंह). वो एक ऐसी चिप तैयार करती हैं जिसके दम पर सुपर सोल्जर तैयार किया जा सकता है. उस चिप को अर्जुन शेरगिल में डाला जाता है और बस फिर वो पूरी तरह ट्रॉसफॉर्म हो जाता है और देश को मिलता है पहला सुपर सोल्जर. सुपरसोल्जर की अवधारणा नई नहीं है। तमाम विदेशी फिल्मों में दर्शक इसे देख भी चुके हैं। अब कैसे वो दूसरों से अलग है, संसद में फंसे लोगों को वो कैसे बचा पाएगा, ये सब जानने के लिए आपको डायरेक्टर लक्ष्यराज सिंह की फिल्म देखनी होगी।
किसका कैसा है काम
जॉन अब्राहम हिंदी सिनेमा की फ्रेंचाइजी फिल्मों का सबसे लोकप्रिय चेहरा रहे हैं और उनके चेहरे के मासूमियत के साथ उनकी आंखों में दिखने वाला विश्वास ही उनको इस किरदार के लिए बिल्कुल सही चुनाव बनाता है। फिल्म के एक्शन सीन्स खासे दमदार हैं और हिंदी सिनेमा में अरसे बाद कुछ अलग सा दिखने वाला एक्शन रचने के लिए इसकी पूरी टीम तारीफ की हकदार है। जॉन के अलावा फिल्म में जो कलाकार सबसे ज्यादा चौंकाता है वह हैं जैकलीन फर्नांडीज। आमतौर पर देह प्रदर्शन के लिए ही फिल्मों में जगह पाने वाली जैकलीन ने पहली बार अपने करियर में अच्छा अभिनय किया है। खासतौर से उस सीन में जब जॉन का सिस्टम रीबूट हो रहा होता है और कैशे क्लीयर होने से ठीक पहले दोनों की यादों की फाइल जॉन के दिमाग में चल रही होती है। रकुल प्रीत अपने करियर में जहां आ अटकी हैं, वहां उन्हें अब एक दमदार किरदार की जरूरत है। पूजा फिल्म्स की मालकिन बनने से पहले उनको अभिनय में थोड़ा नाम तो जरूर कमाना चाहिए। किरण कपूर को अरसे बाद परदे पर देखना अच्छा लगता है। प्रकाश राज और रत्ना पाठक ने अपने अपने किरदार यूं लगता है कि निपटा दिए हैं।
निष्कर्ष
जॉन अब्राहम की ये नई फिल्म थोड़ी अलग तो है. मतलब कहानी में कोई नयापन नहीं है, वहीं प्लॉट है जो हर देशभक्ति वाली फिल्म में बॉलीवुड रखता है. लेकिन फिर भी रोमांच महसूस होता है. फिल्म की लेंथ भी क्योंकि दो घंटे से कम है, तो ज्यादा सोचने का वैसे भी मौका नहीं लगता. सब कुछ काफी फॉर्स्ट पेस्ड है, तेजी से सब कुछ होता है, खूब सारा एक्शन दिखता है, बड़े-बड़े धमाके और फिल्म खत्म. इसे ऐसे समझ लीजिए कि आप जब रोहित शेट्टी की कोई फिल्म देखते है तो कहानी से ज्यादा उड़ती गाड़ियां आपका स्वागत करती हैं. लॉजिक तो आप देखना ही नहीं चाहते हैं. यहां अटैक में वहीं सब है, लॉजिक मत तलाशिए और स्क्रीन पर जो हो रहा है, बस एन्जॉय करते रहे. ऐसा करेंगे तो जॉन की ये फिल्म आपको रास आ जाएगी.